सारी गांव, रुद्रप्रयाग में ग्रामीण पर्यटन और होम स्टे से स्वरोजगार का नया मॉडल स्थापित।

तुंगनाथ-चोपता ट्रैक पर स्थित सारी गांव होम स्टे के जरिए ग्रामीणों को मिला रोजगार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सराहा प्रयास

होम स्टे योजना:  उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र रुद्रप्रयाग जिले में तुंगनाथ-चोपता ट्रैक पर स्थित सारी गांव ने ग्रामीण पर्यटन और स्वरोजगार के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। यहाँ करीब 50 होम स्टे संचालित हो रहे हैं, जिनसे लगभग 250 लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। यह होम स्टे मॉडल न केवल स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को भी कम कर रहा है।

इसे भी पढ़ें: खुशखबरी: उत्तराखंड के लेखकों और कवियों को मिलेगा ₹2 लाख तक का प्रकाशन अनुदान।

इस तरह के प्रयास अन्य क्षेत्रों के लिए बनेंगे प्रेरणा स्रोत 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिसंबर में रुद्रप्रयाग जिले का दौरा किया और सारी गांव में होम स्टे का निरीक्षण कर वहां रात्रि विश्राम किया। उन्होंने ग्रामीण पर्यटन और स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाले इस मॉडल की जमकर तारीफ की। मुख्यमंत्री ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ भोजन किया और कहा कि इस तरह के प्रयास अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे।

दीन दयाल उपाध्याय पर्यटन योजना के अंतर्गत स्थापित हुए हैं कई होम स्टे 

सारी गांव रुद्रप्रयाग से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां वर्तमान में 191 परिवार रहते हैं और कुल आबादी लगभग 1200 के करीब है। यहां 50 से अधिक होम स्टे संचालित हैं, जिनमें से 41 पर्यटन विभाग के पंजीकृत हैं। कई होम स्टे दीन दयाल उपाध्याय पर्यटन योजना और ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर की सहायता से स्थापित किए गए हैं। सरकार द्वारा इस क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए अनुदान और अन्य योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।

स्वरोजगार के इस मॉडल के कारण सारी गांव में पलायन की दर काफी कम हो गई है और यह गांव अपने आसपास के अन्य गांवों की तुलना में काफी जीवंत बना हुआ है। ग्रामीणों के आर्थिक विकास के साथ-साथ यह गांव उत्तराखंड में ग्रामीण पर्यटन को भी नई दिशा दे रहा है।

इसे भी पढ़ें: सीएम धामी ने देहरादून में 112 परिवहन आरक्षियों को नियुक्ति पत्र किए वितरित, कहा उत्तराखंड सरकार की रोजगार नीति ला रही फलदायक परिणाम।

Related posts

Leave a Comment